रेलवे की प्लानिंग पर भारी पड़ रही दोनों वंदे भारत ट्रेन

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। हाल ही में भोपाल से शुरु की गईं दो वंदे भारत एक्सप्रेस की प्लानिंग अब रेलवे बोर्ड को भारी पड़ने लगी है। इसकी वजह है इनका भारी भरकम किराया और यात्रा के समय में महज मामूली अंतर होना। इस वजह से अब रेलवे प्रशासन दोनों ही ट्रेनों को विस्तार देने की कवायद कर रहा है। दरअसल इन दोनों नई वंदे भारत ट्रेन का इंदौर व जबलपुर के लिए जो समय लगता है, उससे आधा घंटे अधिक समय में बेहद कम किराए में सामान्य ट्रेन से पहुंच जा सकता है। यही नहीं इसमें जहां सिर्फ बैठकर ही जाया जा सकता है, जबकि अन्य ट्रेनों में यात्री सुविधा अनुसार लेट भी सकता है। इस वजह से दोनों ही ट्रेनों को यात्री ही नहीं मिल पा रहे हैं। इसकी वजह से पहले ही हफ्ते में इनसे बड़ा घाटा होना तय हो चुका है। दरअसल रेलवे अफसर मनमाने तरीके से फैसले करते हैं जिससे लोगों में नाराजगी तो बढ़ती ही साथ ही रेलवे मंत्रालय को भी नुकसान होता है। इसका उदाहरण पहले से ही रानी लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन पर वाहन चालकों को अपना वाहन पार्किंग में खड़ा करना बेहद महंगा पड़ता है। इसकी वजह से लोगों द्वारा पार्किेंग का बेहद जरूरी होने पर ही उपयोग किया जाता है।

उधर, नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने में भी इसी तरह का फैसला कर लिया गया है। इनकी जगह अगर रेलवे प्रशासन रीवा, मुंबई और दिल्ली के लिए नई सामान्य ट्रेन शुरू करता तो यात्रियों को सुविधा मिलती और रेलवे को भी आर्थिक  नुकसान नहीं होता। अब रेलवे प्रशासन वंदे भारत ट्रेन को भोपाल के रास्ते खजुराहो, ग्वालियर व नागपुर में से किसी एक शहर के बीच चलाने पर विचार कर रहा है। इन शहरों के बीच नई वंदे भारत एक्सप्रेस की जगह इंदौर से भोपाल के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का ही संचालन करने की योजना है। वहीं जबलपुर से आरकेएमपी के बीच चलने वाली वंदे भारत टे्रन को इंदौर तक बढ़ाया जा सकता है। यह विस्तार अगस्त के अंत तक हो सकता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने इन दोनों ही वंदे भारत ट्रेन ेस को 27 जून को आरकेएमपी से हरी झंडी दिखाई थी।

यह है विस्तार की वजह
अभी इंदौर से नागपुर, भोपाल से नागपुर, जबलपुर से इंदौर, भोपाल से खजुराहो व ग्वालियर से इंदौर के बीच वंदे भारत जैसी तेज गति वाली ट्रेनें नहीं है। जबकि इन शहरों के बीच व्यापारी, उद्योगपति, चिकित्सक, अधिवक्ता, अधिकारियों, पर्यटक व जनप्रतिनिधियों का हमेशा आना-जाना लगा हुआ है। भोपाल-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस (20912) भोपाल से शाम 7.25 बजे चलकर रात 10.30 बजे इंदौर पहुंचती है। इंदौर-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस (20911) इंदौर से सुबह 6.30 बजे चलकर सुबह 9.35 बजे भोपाल पहुंचती है। इस तरह यह रैक करीब 10 घंटे भोपाल में खड़ा रहता है। इस रैक को खजुराहो, ग्वालियर व नागपुर तक बढ़ाने में इसलिए दिक्कत नहीं है, क्योंकि राजधानी, दुरंतो जैसी तेज गति वाली भोपाल से नागपुर पहुंचने में अधिकतम छह घंटे, वंदे भारत व राजधानी एक्सप्रेस ग्वालियर पहुंचने में अधिकतम चार घंटे और भोपाल- खजुराहो महामना एक्सप्रेस खजुराहो पहुंचने में अधिकतम 6.25 घंटे ले रही है। ऐसे में इंदौर से 3.06 घंटे में भोपाल पहुंचने वाली उक्त वंदे भारत एक्सप्रेस को आसानी से नागपुर, ग्वालियर व खजुराहो के बीच चलाया जा सकता है।

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