
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बुरहानपुर जिले में पदस्थ रहे डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने तबादला होते ही नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए उन्हें गोंद के लाइसेंस बांट डाले। इस दौरान उनके द्वारा पेसा कानून सहित अन्य नियमों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। मामले की शिकायत हुई तो अब इसकी जांच कराई जा रही है। मिश्रा पर आरोप हैं कि उनके द्वारा यह लाइसेंस स्थानांतरण से कुछ दिन पहले ही बांटे गए थे। इस मामले में उन पर लेनदेन का आरोप भी लगाया गया है। इसकी जांच का जिम्मा सीसीएफ खंडवा आरपी राय को सौंपा गया है। राय द्वारा इस मामले की जांच शुरु कर दी गई है, जिसके तहत उन्होंने बुरहानपुर पहुंचकर सभी परिक्षेत्र अधिकारियों के साथ ही व्यापारियों के बयान दर्ज किए हैं। यही नहीें विभागीय रिकार्ड का भी अवलोकन किया गया। हालांकि इस मामले में उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दियसा है। जांच के दौरान वर्तमान डीएफओ विजय सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इन्हें दिए गए लाइसेंस
तत्कालीन डीएफओ ने जिन लोगों को गोंद के लाइसेंस दिए थे, उनमें महेश चौकसे, अब्दुल शोएब, नुरुलहुदा, अनवर अहमद रवान, सैय्यद शाहनवाज, दीपक खटवानी, अब्दुल लतीफ, इंदरलाल हासानंदानी, प्रदीप चौकसे, सौरभ पाटिल, दानसिंह जुनेजा, श्रवण राठौड़, प्रदीप वारुड़े, गुफरान खान, शेख साबिर, सावेज खान, अमित सलूजा, अफजल खान शामिल हैं। बुधवार को सीसीएफ के सामने पेश होने पहुंचे इन व्यापारियों ने हालांकि लाइसेंस में किसी तरह के लेनदेन की बात से इनकार किया है, उनके मुताबिक सभी को नियमों का पालन करते हुए लाइसेंस दिए गए हैं।
करोड़ों की लकड़ी जंगल में पड़ी
बुरहानपुर दौरे के दौरान सीसीएफ ने डीएफओ के साथ बाकड़ी, सीवल, घाघरला व नीमसेठी के जंगल का भी भ्रमण किया। उन्होंने अवैध रूप से अतिक्रमणकारियों द्वारा काटे गए पेड़ों के ल_े वर्षा काल से पहले उठवाकर खंडवा डिपो भेजने के निर्देश दिए हैं। सीसीएफ ने बताया कि अब तक वन विभाग करीब सात करोड़ कीमत की लकड़ी जंगल से उठवाई है। अब भी करीब आठ करोड़ रुपये की सागौन व अन्य इमारती लकड़ी पड़ी हुई है। इसे उठाने के लिए खंडवा से वाहन और कर्मचारी तैनात किए गए है।