विदेशी रसोईयों में लग रहा मप्र की लाल मिर्च का तडक़ा

लाल मिर्च

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट काम। प्रदेश सरकार द्वारा  लागू की गई एक जिला एक उत्पाद योजना ने रंग लाना शुरु कर दिया है। इस योजना की वजह से ही अब निमाड़ में उत्पादित तीखी लाल मिर्च विदेशों में तडक़ा लगाने के काम आना शुरु हो गई है। निमाड़ की लाल मिर्च फिलहाल यूरोप में धूम मचाने के बाद अब मैक्सिको के निवासियों की रसोई में भी पहली पंसद बन रही है। एक जिला एक उत्पाद में खरगोन जिलों को  वहां उत्पादित लाल मिर्च के लिए चिन्हित किया गया था। यहां के किसानों ने अपनी मिर्च को इस तरह परिष्कृत कर लिया है कि विदेशी लोग खाने का जायका बढ़ाने के लिए निमाड़ी मिर्च को ही पसंद कर रहे हैं।
डालकी के फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़े किसानों के टेराग्लेब समूह के 27 किसानों की लगभग 500 एकड़ में उपजी मिर्च अब  मैक्सिको में अपनी धाक जमा रही है। फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के बालकृष्ण पाटीदार का कहना है कि खरगोन में डालका के किसानों के समूह ने मात्र 47 दिनों की अवधि में मांग के अनुसार 3 बार यूरोप के देशों में निमाड़ की मिर्च निर्यात की है। पहली बार जब मिर्च का निर्यात किया जा रहा था , तब किसानों के मन में कई तरह की चिंताएं थी। लेकिन अब मांग आने पर उनमें उत्साह पैदा हो जाता है।
तीन माह से हर माह हो रहा निर्यात
जिले के किसानों द्वारा बीते तीन माह से हर माह मिर्च का निर्यात किया जा रहा है। यहां के आठ किसानों ने पहली बार 25 दिसम्बर को इसके बाद 27 किसानों ने  24 जनवरी को और इसके बाद इतने ही किसानों ने दो दिन पहले यानी की 8 फरवरी को मिर्च का निर्यात किया है। इसमें पहली बार 24 दिसम्बर को 5.5 टन, 24 जनवरी को 6.5 टन और 8 फरवरी को 6.4 टन मिर्च बॉम्बे पोर्ट के माध्यम से मैक्सिको भेजी गई है।
गुणवत्ता के मानकों पर उतरी खरी
मिर्च के उत्पादन से पहले किसानों ने सबसे पहले विदेशों में प्रतिबंधित रसायनों का अध्ययन कर कृषि की सभी तकनीकों और उपयोग होने वाली सामग्री तथा रसायनों के छिडक़ाव पर अधिक ध्यान दिया गया। इसके बाद उसका केरला की एविटी लेबोरेटरी में टेस्ट कराया गया, जहां पर उसके मानकों पर खरा उतरने के बाद उसके निर्यात पर काम किया गया।

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