
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने संशोधित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) को लोकतंत्र के लिए संकट बताया है। उनकी यह प्रतिक्रिया केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई के एक दिन बाद आई है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके कहा कि ‘28 महीनों के बाद सिद्दीक कप्पन की जेल से रिहाई हमें यह बात याद दिलाती है कि सरकार यूएपीए के तहत लोगों को किसी आरोप के बिना अनिश्चित समय के लिए हिरासत में रख सकती है।’ अपने ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है। उन्होंने कहा कि मैंने इससे जुड़े विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने के दौरान इसका विरोध किया था।
गौरतलब है कि केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को गुरुवार को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया था। चर्चित हाथरस कांड के दौरान कथित पत्रकार सिद्दिक कप्पन को गिरफ्तार किया गया था। कप्पन पर हवाला से धन प्राप्त कर के देश विरोधी कार्यों में प्रयोग करने समेत अन्य आरोपों का संज्ञान लेकर ईडी ने कप्पन पर कार्रवाई की थी। जांच के दौरान पाया गया कि यूपी पुलिस ने 7 अक्तूबर 2020 को मसूद अहमद सिद्दीक कप्पन, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस समय गिरफ्तार किया था जब वह साम्प्रदयिक सौहार्द बिगड़ने, दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे।
कहा गया कि आरोपी सिद्दीक कप्पन पीएफआई के मुखपत्र तेजस डेली में कार्य करता था। साथ ही आरोपी को 2015 में दिल्ली में दंगे करने के लिए नियुक्त किया गया था। आरोप है कि विवेचना में पता चला कि पीएफआई के सदस्य के रऊफ व अन्य सदस्यों को एक षड्यंत्र के तहत विदेश से 1 करोड़ 38 लाख रुपए दिए गए थे। कप्पन की यह रिहाई प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर धनशोधन मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के लगभग छह सप्ताह बाद हुई है। इससे पहले सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक अन्य मामले में जमानत दे दी थी।