
सरकार की मंशा पर फिरा पानी, सिस्टम अपडेट में देरी है वजह
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। वित्त विभाग के सिस्टम अपडेट में हुई देरी का खामियाजा प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। इसकी वजह से उन्हें सरकार द्वारा घोषित किए गए डीए की राशि इस माह के वेतन में नहीं मिल सकी है। इसकी वजह है चार दिन में सिस्टम अपडेट नहीं किए जाने से प्रदेश के करीब 7.50 लाख कर्मचारियों को इस महीने में पुरानी ही वेतन का भुगतान किया गया है, जिसकी वजह से कर्मचारियों को 20 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। इसकी वजह है ट्रेजरी एंड अकाउंट द्वारा 31 जनवरी रात 8 बजे सिस्टम को अपडेट किया जाना। इससे डीए 34 से बढ़ाकर 38 प्रतिशत तो कर दिया गया है, लेकिन जब तक वेतन के बिल पास हो जाने से कर्मचारियों को इस माह मिलने वाले वेतन में उसे शामिल नहीं किया जा सका है। इसकी वजह से सरकार द्वारा 4 प्रतिशत डीए महीने से फरवरी में देने की मंशा पर पानी फिर गया है। इससे अफसरों और कर्मचारियों की एनपीएस और जीपीएफ में कटौती 34 प्रतिशत डीए के हिसाब से ही की गई है। लिहाजा, कर्मचारियों को ब्याज का 20 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया।
2004 के पहले सेवा में आए कर्मचारियों का जीपीएफ कटता है, जिस पर 7.04 प्रतिशत और एनपीएस में 9 प्रतिशत ब्याज मिलता है। इधर, अब 1 फरवरी से बढ़े हुए डीए के अलग से बिल जमा करना होंगे और अलग से भुगतान करना पड़ेगा। इसके लिए डेढ़ लाख बिल अलग से बनाना होंगे।
आईएएस-आईपीएस को नुकसान
अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को 1 जुलाई से बढ़े 4 फीसदी डीए का भुगतान 6 महीने के एरियर के साथ वेतन में होगा। 31 दिसंबर 2004 के पहले सेवा में आए अफसरों को जीपीएफ कटौती राशि के ब्याज का 12 हजार जबकि एनपीएस धारक अफसरों को 16 हजार रुपए तक नुकसान हुआ है।
यह है एनपीएस वाले
मप्र में 3 लाख कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के दायरे में आते हैं। इनका डीए वेतन में शामिल होता है ,जिसमें से 10 फीसदी राशि कर्मचारी के खाते से और 14 फीसदी अंश सरकार मिलाती है। इस तरह वेतन का 24 फीसदी एनपीएस में जमा होता है। इस पर 9 फीसदी ब्याज मिलता है।
यह है वजह
मुख्यमंत्री द्वारा 21 जनवरी को 4 फीसदी डीए बढ़ाए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन इसके आदेश छह दिन बाद यानी की 27 जनवरी को जारी किए गए, जबकि वेतन के बिल 20 तारीख के बाद ट्रेजरी में लगना शुरू हो जाते हैं। इसकी वजह से चार दिन में बढ़े हुए डीए का एरियर समेत सेलरी के नए सिरे से बिल लगाकर उनका भुगतान किया जाना संभव नहीं था। जिसकी वजह से विभाग ने सैलरी देने को प्राथमिकता रखी। अब वेतन के बाद सिस्टम में 38 फीसदी डीए अपडेट कर दिया गया है। इसकी वजह से अब बढ़े हुए डीए का बिल विभागों द्वारा भेजे जाएंगे।