
- दो-दो जगह से छह हजार लोग ले रहे थे खाद्यान्न …
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में गरीबों के राशन का बड़ा खेल चल रहा है। गरीबों के इस हक पर पैसे वाले और रसूखदार तो पहले से ही डाका डालने में लगे हुए हैं, लेकिन हद तो यह हो गई की इन दुकानों पर राशन लेने मरे हुए लोग भी लगातार आते हैं। ऐसे लोगों की संख्या एक दो नहीं बल्कि हजारों में है, जो लगातार बीते चार सालों से मरने के बाद भी राशन लेते आते रहे हैं। यह सनसनीखेज खुलासा होने के बाद सात हजार मर चुके लोगों के नाम इस सूची में से काटे गए हैं। अब तक अकेले भोपाल जिले में ही राशन लेने वाले अपात्र 40 हजार लोगों के नाम काटे गए हैं। खास बात यह है की यह 40 हजार लोगों के नाम भी खाद्य विभाग ने जांच के बाद तलाशे थे। इनमें लगभग 27 हजार लोग ऐसे हैं जो कहीं दूसरी जगह पलायन कर चुके हैं, जबकि 6 हजार लोगों के नाम दो -दो बार सूची में दर्ज पाए गए। इन उपभोक्ताओं के नाम भी अब हटाए जा चुके हैं। यह वे उपभोक्ता थे जो दो जगहों से हर माह राशन लेकर हजम करने में लगे हुए थे। हद तो यह है की ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की जगह महज खाद्य विभाग नाम काटने की औपचारिकता कर इतिश्री कर रही है, जबकि उनके खिलाफ न केवल धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया जाना चाहिए था, बल्कि अन्य तरह की कठोर कार्रवाई भी की जाना चाहिए थी, जिससे की अन्य लोग इस तरह का काम नहीं करें। इस तरह के नामों का खुलासा आधार कार्ड सिस्टम लागू होने के बाद सामने आ रहे हैं। बताया तो यह भी जा रहा है की इसमें राशन दुकानों के संचालकों की भी मिली भगत रहती है। हद तो यह है की इसके बाद भी खाद्य विभाग दावा करता है की उसके द्वारा बीते चार सालों में गड़बड़ी करने वाली 42 राशन दुकानों को सस्पेंड किया गया है। यानि की हर साल महज औसतन दस दुकानों पर ही कार्रवाई की गई है। इसमें भी महज चार दुकानों पर चोर बाजारी निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर भी हुई। इसमें कई दुकानदारों ने पूरे एक माह का राशन खुद के बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर निकालकर बाजार में ठिकाने लगा दिया था। उन्हें उपभोक्ताओं को बांटा ही नहीं गया। कुछ दुकानदारों के यहां स्टॉक से अधिक गेहूं, चावल, शक्कर, नमक का संग्रह पाया गया जो पूरी तरह से फर्जीवाड़े का सबूत है। वहीं कुछ दुकानदारों ने एक तारीख की बजाए माह की ग्यारह तारीख से राशन बांटा था। उल्लेखनीय है कि जिले में 463 राशन दुकानें हैं।
इस माह दिया जा रहा 8 किलो चावल दो किलो गेहूं
राजधानी में अभी तक राशन उपभोक्ताओं को हर माह डबल राशन दिया जा रहा है। इस बार अगस्त माह में प्रति सदस्य आठ किलो चावल और दो किलो गेहूं दिया जा रहा है। इसके पहले 6 किलो गेहूं और चार किलो चावल दिए गए थे। जून माह से विभाग ने गेहूं का कोटा घटाकर चावल का कोटा बढ़ाया है। इस माह से तीन लाख 26 हजार परिवारों के 13 लाख 80 हजार सदस्यों को राशन दुकानों से फोर्टिफाइड चावल भी बांटा जाएगा।
हजारों की संख्या में है फर्जी राशन कार्ड
अगर भोपाल की बात करें तो जिले में कई हजारों में ऐसे अपात्र लोगों के राशन कार्ड बने हुए है, जो दो पहिया तो ठीक चार पहिया वाहनों के मालिक होने के साथ ही विलासतापूर्ण जीवन जी रहे हैं। यही नहीं कई तो ऐसे लोग भी है जो सरकार से भी अन्य कामों का भुगतान पाते हैं। यही नहीं अगर वास्तव में सही तरीके से जांच की जाए तो भोपाल के अलावा प्रदेश में गरीबों की संख्या आधी रह जाएगी। दरअसल राजनैतिक रसूख के चलते बड़ी सख्या में कई पार्टियों के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी अपात्र होने के बाद भी इसका फायदा उठा रहे हैं।