बिच्छू राउंडअप/आधार कार्ड पर मिलेगा 5 लाख तक का लोन! केंद्र सरकार ने दी बड़ी जानकारी

  • नगीन बारकिया
आधार कार्ड

आधार कार्ड पर मिलेगा 5 लाख तक का लोन! केंद्र सरकार ने दी बड़ी जानकारी
मोदी सरकार की तरफ से देशवासियों के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। योजनाओं को शुरू करने के लिए हर वर्ग का खास ध्यान रखा गया है। इन योजनाओं में छात्रों से लेकर नौकरीपेशा तक और किसानों से लेकर व्यापारियों तक का ध्यान रखा गया है। उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन भी शुरू किया। इसके बावजूद लोग फर्जीवाड़े करने के लिए कई तरह की सरकारी योजनाओं से मिलते-जुलते नामों का सहारा लेते हैं। इसी तरह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट में केंद्र सरकार के नाम से एक लोन योजना के बारे में बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ऐसे सभी नागरिकों को आसान लोन दे रही है, जिनके पास आधार कार्ड है। इन लोगों को आधार कार्ड के जरिये 4.78 लाख रुपये का लोन दिया जा सकता है। वायरल पोस्ट का फैक्ट चेक करके बताया कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है। सरकार की तरफ से इस तरह का कोई लोन नहीं दिया जा रहा है। साथ ही पीआईबी ने लोगों को इस तरह के फर्जी मैसेज शेयर नहीं करने की सलाह दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- महिला को मातृत्व अवकाश से नहीं किया जा सकता वंचित
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि किसी कामकाजी महिला को मातृत्व अवकाश के वैधानिक अधिकार से सिर्फ इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उसके पति की पिछली शादी से दो बच्चे हैं और महिला ने उनमें से एक की देखभाल करने के लिए पहले अवकाश लिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि मातृत्व अवकाश देने का उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर आने और वहां बने रहने के लिए प्रोत्साहित करना है। लेकिन यह बात भी कड़वा सच है कि इस तरह के प्रविधानों के बावजूद महिलाएं बच्चे के जन्म पर अपना कार्यस्थल छोड़ने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उन्हें अवकाश सहित अन्य सुविधाएं प्रदान नहीं की जातीं। दो से कम जीवित बच्चों वाली महिला कर्मचारी मातृत्व अवकाश ले सकती है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि रोजगार के संदर्भ में प्रसव को कामकाजी महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक पहलू माना जाना चाहिए और कानून के प्रविधानों को उसी परिप्रेक्ष्य में समझा जाना चाहिए।

विहिप की पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सरकार से सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआई) और पापुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। विहिप का कहना है कि इनकी गतिविधियां समाज के लिए बेहद खतरा हैं। विहिप के क्षेत्रीय सचिव देवीप्रसाद शेट्टी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वह ऐसे किसी भी मुस्लिम संगठन का समर्थन करेंगे जो एसडीपीआई और पीएफआई पर प्रतिबंध की बात करता है, क्योंकि ये एक बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत आपत्तिजनक और शर्मनाक है कि कुछ नेता और संगठन वीडी सावरकर के खिलाफ बोल रहे हैं, जोकि एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। आजादी के आंदोलन में उन्होंने लंबा समय जेल में बिताया। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया समेत कांग्रेस के कई नेता भी सावरकर जैसे महान व्यक्तित्व का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक या राजनीतिक कट्टरता को भूलाकर लोगों को हमेशा उन महान नेताओं को याद करना चाहिए जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी।

इंसान से जानवर में संक्रमण का पहला दुर्लभ मामला, कुत्ते के साथ क्वारंटाइन थे मरीज
फ्रांस में दुनिया का पहला इंसान से जानवर में फैलने वाला मंकीपॉक्स का मामला सामने आया है। द हिल की रिपोर्ट के मुताबिक एक मेडिकल जर्नल ने मंकीपॉक्स वायरस के मानव से पालतू जानवरों में फैलने के पहले संदिग्ध मामले के साक्ष्य प्रकाशित किए हैं। मेडिकल जर्नल द लैंसेट के अनुसार, फ्रांस में दो पुरुषों के साथ रहने वाले एक कुत्ते में वायरस से संक्रमित होने के 12 दिन बाद लक्षण दिखने लगे हैं। 4 वर्षीय इस कुत्ते के पेट पर घाव और फुंसी जैसे लक्षण दिखने के बाद कराये गए परीक्षण में मंकीपॉक्स होने की पुष्टि हुई है। शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि दोनों पुरुषों और कुत्ते को संक्रमित करने वाला वायरस मंकीपॉक्स ही है। खबर के अनुसार मंकीपॉक्स होने के बाद से दोनों पुरुष अपने कुत्ते के साथ क्वारंटाइन हो गए थे। कुत्ता उन्हीं के साथ बेड पर सोता था, जो अब इस बीमारी से ग्रसित है। घटना के बाद से रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपने मंकीपॉक्स गाइडेंस में मानव से पालतू जानवरों में होने वाले संक्रमण के खिलाफ चेतावनी दी है।

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