
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश की आंगनबाड़ियों से जुड़ी महिलाओं को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। इसके तहत सरकार उनको पेंशन दिलाने के प्रयासों में लगी हुई है। इसकी वजह है इन महिलाओं का उम्र दराज होने पर अािर्थक रुप से सुरक्षा प्रदान करना है। दरअसल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, स्व सहायता समूह की वे महिलाएं हैं, जिन्हें बहुत कम मानदेय मिलता है, जबकि उनके जिम्मे नौनीहालों से लेकर सरकार की कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहते हैं। यही वजह है की अब सरकार चाहती है की उन्हें भी पेंशन का लाभ मिले। इसके लिए उन्हें उम्र के हिसाब से अलग-अलग हर माह बचत करनी होगी। इसके तहत 40 साल से कम उम्र की महिलाओं को जहां हर दिन दो रुपए की बचत करनी होगी तो इससे अधिक उम्र की महिलाओं को हर दिन करीब सात रुपए तक की बचत करनी होगी। यानि की उन्हें हर माह दो सौ रुपए की कुल बचत करनी होगी। इसके तहत ही इस क्षेत्र की महिलाओं कार्यकर्ताओं सहित सहायिकाओं को पेंशन योजना से जोड़ने के प्रयास शुरू किए गए हैं। बचत की इस राशि को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना में जमा कराई जाएगी। कार्यकर्ताओं के वृद्ध होने पर उन्हें पेंशन की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में कुल 97135 आंगनबाड़ी केंद्र है जिसमें कार्यकर्ताओं और सहायिका कार्यरत है। वहीं 3 लाख 40 हजार 950 स्व सहायता समूह में 39 लाख 8 हजार महिला सदस्य हैं। पेंशन योजना से जोड़ने के लिए महिला बाल विकास विभाग ने हाल ही में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मैदानी अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। मैदानी अधिकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और स्व सहायता समूह की महिलाओं को योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे और उन्हें बचत कर योजना में राशि जमा करने के लिए प्रेरित करेंगे। 15 अगस्त तक इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस योजना के तहत 18 साल की उम्र से रोज 2 रूपए और 40 साल की उम्र होने पर हर महीने 200 रूपए की बचत का राशि जमा कराई जाएगी जबकि 60 साल के बाद 3000 रूपए महीना पेंशन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका सहित स्व सहायता समूह की महिलाओं को उपलब्ध कराए जाएंगे। बता दें कि योजना के तहत सभी इच्छित सदस्य को नामांकन कराना अनिवार्य होगा। साथ ही पंजीयन के समय आधार कार्ड, बचत और जन-धन बैंक की पासबुक, मोबाइल नंबर, बैंक से हर महीने राशि काटने के लिए सहमति पत्र देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को प्रोत्साहित करने का जिम्मा भी मैदानी अधिकारी को सौंपा है।