
- नगीन बारकिया/बिच्छू डॉट कॉम।
लंच ब्रेक की वजह से बैंक कर्मचारी इंतजार करवाएं तो करें शिकायत
अगर बैंक कर्मचारी आपको लंच के नाम पर घंटों इंतजार करवाएं, आपसे अच्छे से बात नहीं करें या काम में लेटलतीफी करें तो आप उनकी शिकायत कर सकते हैं। ग्राहकों की शिकायत दूर करने के लिए कुछ बैंक, शिकायत लिखने के लिए रजिस्टर रखते हैं। इसमें आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर रजिस्टर से बात न बने, तो आप उस कर्मचारी की शिकायत बैंक मैनेजर या नोडल ऑफिसर से भी कर सकते हैं। इसके अलावा ग्राहकों की कंप्लेन से निपटने के लिए अमूमन हर बैंक में ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम भी होते हैं। ये भी ग्राहक की प्रॉब्लम सॉल्व करते हैं। आरबीआई ने एक आरटीआई के जवाब में बताया था कि बैंक के अधिकारी एक साथ लंच पर नहीं जा सकते हैं। वे एक-एक करके लंच ब्रेक ले सकते हैं। इस दौरान नॉर्मल ट्रांजेक्शन चलते रहना चाहिए। ग्राहकों को घंटों इंतजार करवाना नियम के खिलाफ है। ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम का मकसद है किसी भी ग्राहक की शिकायत को निपटाना। इसलिए आप बैंक का ग्रीवेंस रिड्रेसल नंबर लेकर शिकायत कर सकते हैं। चाहें तो ईमेल भी कर सकते हैं। आरबीआई ने ग्राहकों की शिकायत दूर करने के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना की शुरुआत 2006 में की थी। ग्राहक बैंकिंग लोकपाल में शिकायत कर सकते हैं।
मप्र के किसानों के लिए बड़ी खबर, जल्द तय होंगी पेस्टिसाइड की कीमत
मध्य प्रदेश में जल्द पेस्टिसाइड की कीमत तय की जाएगी। इसको लेकर कृषि मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। दरअसल पेस्टिसाइड के रेट तय नहीं होने के कारण किसानों को मनमाने दाम पर खरीदारी करना पड़ रही है। ऐसे में कृषि मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पेस्टिसाइड की कीमत मार्कफेड तय करता है। मैंने मार्कफेड के एमडी को निर्देशित किया है। इसके जल्दी टेंडर कराए जाएंगे। पेस्टिसाइड पुराने रेट पर ही अभी मिल रहा है। इसलिए किसानों को कोई नुकसान नहीं है। नए रेट आएंगे तो बढ़ के आयेंगे। पिछले 5 साल से पेस्टिसाइड के रेट तय नहीं होने के कारण एमपी में खाद माफिया का दबदबा बताया जा रहा है। सरकार सालों बाद भी पेस्टीसाइड की कीमत तय नहीं कर पाई है। पांच साल बाद हाल ही में पेस्टीसाइड-केमिकल की दरें तय करने निकाला गया टेंडर 24 घंटे में निरस्त किया गया था।
क्रेडिट कार्ड से कर सकेंगे यूपीआई भुगतान, अगले माह शुरू होगी सुविधा
क्रेडिट कार्ड से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिये भुगतान की सुविधा अगले कुछ महीनों में मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए रूपे क्रेडिट कार्ड लांच करने की तैयारी चल रही है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया के एमडी व सीईओ दिलीप एस्बे ने बताया कि यूपीआई से लिंक रूपे क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान की सुविधा अगले एक-दो महीने में शुरू हो जाएगी। इसके लिए बैंक आॅफ बड़ौदा कार्ड, एसबीआई कार्ड, एक्सिस बैंक और यूनियन बैंक आॅफ इंडिया से बातचीत चल रही है। दिलीप ने बताया कि हम 10 दिन के भीतर रिजर्व बैंक के पास इसका प्रस्ताव भेज देंगे। एक बार वहां से मंजूरी मिल जाती है तो हम दो महीने के भीतर इस सुविधा को शुरू कर सकते हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास 8 जून को कह चुके हैं कि क्रेडिट कार्ड को भी यूपीआई से जोड़े जाने की मंजूरी जल्द दी जाएगी।
सरकार धीरे-धीरे खत्म कर रही रसोई गैस पर सब्सिडी, बचाए 11,654 करोड़
रसोई गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को सरकार धीरे-धीरे खत्म कर रही है। यह जानकारी खुद सरकार ने संसद में दी है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा को बताया कि अब इन उत्पादों की कीमतें सीधे ग्लोबल मार्केट से जुड़ गई हैं। केंद्रीय मंत्री की ओर से लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, वित्तवर्ष 2020-21 में जहां सरकार ने एलपीजी सब्सिडी के रूप में 11,896 करोड़ रुपये खर्च किए थे, वहीं 2021-22 में यह खर्च घटकर महज 242 करोड़ रुपये रह गया है। इस तरह सब्सिडी को खत्म कर सरकार ने सिर्फ एक वित्तवर्ष में ही 11,654 करोड़ रुपये बचा लिए। पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, वित्तवर्ष 2018 में एलपीजी सब्सिडी पर 23,464 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो वित्तवर्ष 2019 में 37,209 करोड़ रुपये पहुंच गया है। इसके बाद सरकार ने लोगों से सब्सिडी छोड़ने की अपील की और करोड़ों ग्राहकों ने इस अपील पर सब्सिडी छोड़ दी, जिससे वित्तवर्ष 2020 में सरकार का खर्च घटकर 24,172 करोड़ पर आ गया।