राजधानी के 60 फीसदी भवनों में अवैध निर्माण

 अवैध निर्माण

-भवन अनुज्ञा शाखा नहीं करती कोई कार्रवाई

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा वाली कहावत राजधानी की नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा पर पूरी तरह से फिट बैठती है। इसकी वजह है इस शाखा द्वारा अपने काम को लेकर बरती जाने वाली बेहद लापरवाही। इसकी वजह से शहर में हालात यह हैं की लगभग 60 फीसदी भवनों में अतिरिक्त निर्माण कर लिया गया है। यही वजह है कि अब नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा अवैध और अतिरिक्त निर्माण को वैध करने पर तो जोर दे रही है। इसके बाद भी शहर में अभी चल रहे अवैध और अतिरिक्त निमार्णों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसकी वजय से समस्या जस की तस ही रहने वाली है। अगर बीते पांच सालें की बात की जाए तो इस तरह के हाल बीते पांच साल में बने भवनों की संख्या 40 हजार तक पहुंच गई है। कहा जा रहा है की अगर भवन अनुज्ञा शाखा यदि ईमानदारी के साथ ही सामान्य शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई करे तो शहर में अवैध और अतिरिक्त निर्माण बड़ी संख्या में हटाए जा सकते हैं। भवन अनुज्ञा शाखा की खासियत यह है कि अगर बड़े रसूखदार या फिर किसी उच्च अधिकारी द्वारा किसी अवैध निर्माण की श्किायत की जाती है तभी वह कार्रवाई करने की हरकत में आता है, अन्यथा वह सुप्तवास्था में ही दिखाई देता है। हाल ही में भवन अनुज्ञा द्वारा एक शराब कारोबारी के अवैध निर्माण को हटाया गया है, जिसके बारे में नगरीय प्रशासन में कार्यरत एक उच्च स्तरीय अधिकारी ने शिकायत की थी। इसके उलट शहर में अवैध व अतिरिक्त निर्माण को लेकर भवन अनुज्ञा शाखा के पास 2,000 से अधिक शिकायतें बीते एक साल से कार्रवाई के इंतजार की बाट जोह रही हैं। इस तरह की शिकायतों के मामलों में  निगम की भवन अनुज्ञा शाखा नोटिस देकर अपनी  जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है। इसकी वजह से कोलार से लेकर अशोका गार्डन, नेहरू नगर, पुराने भोपाल के करोंद, भानपुर, एमपी नगर, बावड़िया कला सहित पूरे शहर में अतिरिक्त निर्माण की दर्जनों शिकायतें पेंडिग पड़ी हुई हैं। उल्लेखनीय है कि शासन ने 30 फीसदी इसकी वजह है लोगों ने 60 से 100 फीसदी तक अतिरिक्त निर्माण किए हुए हैं।
जिम्मेदार नहीं कर रहे कार्रवाई
भवन अनुज्ञा शाखा के चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद विहार शहर में अवैध और अतिरिक्त निर्माण को हटाने के जिम्मेदार हैं इनकी पूरी टीम है और कार्रवाई व मॉनिटरिंग के लिए जूनियर इंजीनियर व सब इंजीनियर तय किए हुए हैं स्थिति यह है कि जब तक उच्च स्तर पर से कोई आदेश नहीं आता यह अपने संज्ञान या सामान्य शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं करते।
यहां किया जा रहा है कार्रवाई का इंतजार
इंद्रपुरी में नाले की दीवार पर ही व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स की दीवार बनाकर तीन मंजिला भवन बना लिया गया। शिकायत हुई, लेकिन संबंधित क्षेत्र के भवन अनुज्ञा के इंजीनियरों ने मिलीभगत की हुई है। अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। कोलार के दानिश हिल्स पर पंजीयन विभाग के एक बड़े अफसर ने अनुमति से विपरीत निर्माण करते हुए 4 मंजिला भवन खड़ा कर लिया। इसकी लगातार शिकायतें की जा रही हैं। शिकायतकर्ता विवेक दीक्षित का कहना है कि जब शिकायत की थी, तब निर्माण शुरू ही हुआ था। अब तो यह चार मंजिल हो गया है। कार्रवाई नहीं की गई। अशोका गार्डन में 8 भवन अनुमति के विपरीत तैयार हो गए। चार से पांच मंजिला इन भवनों में कोई खुला स्थान नहीं छोड़ा। अतिरिक्त मंजिलें तक बना ली गई। बिना फ्रंट और साइड एमओ एस वाली इन भवनों की शिकायत सतीश नायक सीएम हेल्पलाइन तक कर चुके हैं, लेकिन हमेशा उनके असंतुष्ट होने पर भी शिकायतें बंद कर दी जाती है।

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