बिहाइंड द कर्टन/बोले अरुण : किया जा रहा ओबीसी आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र

  • प्रणव बजाज
अरुण यादव

बोले अरुण : किया जा रहा ओबीसी आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर कहा है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह से असंगत आंकड़े माननीय उच्चतम न्यायालय के सामने प्रस्तुत किये हैं, उससे स्पष्ट है कि शिवराज सरकार पंचायत चुनाव में ओबीसी का आरक्षण समाप्त कराने का षड्यंत्र रच रही है। यादव ने कहा कि जो आरक्षण कमलनाथ की सरकार ने दिया था उसे आरएसएस की विचारधारा साजिश रचकर खत्म कराना चाहती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी को उच्चतम न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि वह प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों का पूरा ध्यान रखेगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला आएगा वह संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक न्याय को मजबूत करेगा।

हिन्दु संगठनों पर नेता प्रतिपक्ष का बड़ा हमला  
सिवनी में आदिवासियों के साथ हुई मॉब लिंचिंग मामले में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उनका आरोप है कि भाजपा के लोग और उनसे जुड़े बजरंग दल, श्रीराम सेना, विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों द्वारा आतंक फैलाने के लिए प्रदेश में ट्रेनिंग कैंप चलाए जा रहे हैं। इसमें लोगों को धमकाने की शिक्षा दी जा रही है, ताकि आगे के चुनाव में आदिवासी भयभीत हो जाएं और चुनाव में भाग न लें या कांग्रेस का साथ न देकर भाजपा के सामने समर्पण कर दें। उन्होंने कहा कि अभी तक सिवनी  कांड के सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार से भी आदिवासियों को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है।

एक से सुलझे तो दूसरे में अटके नियाज
आईएएस अफसर नियाज खान ट्वीट के मामले में सरकार द्वारा दिए गए नोटिस के मामले में सुलझे ही थे , कि अब वे दूसरे मामले में उलझ गए हैं। इसकी वजह से वे फिर चर्चा में आ गए है। यह मामला है भोपाल की एक सड़क की बदहाली का। इस मामले में उनके खिलाफ निजी मुचलके वाला गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। यह नोटिस मानव अधिकार आयोग द्वारा जारी किया गया है। यह कार्रवाई वीवीआईपी रोड की बदहाली को लेकर की गई है। अब आयोग ने उन्हें 14 जून को आयोग के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया है। खास बात यह है कि इस मामले में आयोग द्वारा बीते एक साल में कई बार उनसे प्रतिवेदन मांगा , लेकिन न तो प्रतिवेदन दिया गया और न ही वे खुद उपस्थित हुए।

एडीजी पवन श्रीवास्तव की प्रदेश वापसी
1992 बैच के आईपीएस अफसर पवन श्रीवास्तव की राज्य में वापसी हो गई है। वे अभी तक केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण संस्थान में पदस्थ थे। वे वहां पर बीते पांच सालों से पदस्थ थे। इस बीच उनके सामने प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि का भी प्रस्ताव था , लेकिन उनके द्वारा राज्य में वापसी को ही प्राथमिकता दी गई है। माना जा रहा है की वे सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आमद दे सकते हैं। श्रीवास्तव पूर्व में भोपाल में भी पुलिस अधीक्षक के पद पर रह चुके हैं। उन्हें राजधानी के सफलतम पुलिस कप्तानों में माना जाता है।

Related Articles