8 माह से वित्त विभाग में लंबित है मप्र वृक्षारोपण प्रोत्साहन विधेयक

वृक्षारोपण

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी /बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले एक साल से अधिक समय से निरंतर रोजाना पौधारोपण कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ निजी भूमि पर पौधारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया विधेयक मप्र वृक्षारोपण प्रोत्साहन विधेयक 2021 पिछले 8 माह से वित्त विभाग में लंबित है। इस कारण आमजन को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित करने का बड़ा प्रयास अटका हुआ है।
इस कानून में सरकार आमजन को सभी प्रजातियों के पौधे लगाने और उन्हें जरूरत पड़ने पर काटने की अनुमति देगी। यानी आमजन अपनी भूमि पर खड़े पेड़ बगैर किसी अनुमति के काट सकेंगे और टाल लगाकर लकड़ी बेच भी सकेंगे। लकड़ी के परिवहन पर ट्रांजिट परमिट (टीपी) की छूट भी दी जाएगी। वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति लेकर ही निजी भूमि पर खड़े पेड़ काटे जा सकते हैं। एसडीएम से अनुमति लेने में कई दिन लग जाते हैं। इतना ही नहीं, कई बार अनुमति मिलती भी नहीं है। जिस कारण जनता अपनी ही जमीन पर खड़े पेड़ काट एवं बेच नहीं सकती है।
विधेयक के लिए सुझाव भी लिए गए थे
गौरतलब है कि मप्र वृक्षारोपण प्रोत्साहन विधेयक 2021 के लिए सरकार ने सुझाव भी लिए थे। इसमें 281 सुझाव आए थे। इस विधेयक के जरिए थे सरकार मध्य प्रदेश के आमजन को निजी भूमि पर पौधारोपण करने और पेड़ बनने पर सागौन छोड़कर अन्य प्रजाति के पेड़ों को बगैर अनुमति काटकर बेचने का अधिकार देने वाली है। इससे बड़े तबके को राहत मिलेगी। अभी उन्हें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से अनुमति लेनी होती है।
विधेयक को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका
विधेयक पर वन विभाग ने करीब डेढ़ साल काम किया। शासन स्तर पर कई बैठकों के बाद इसका प्रारूप तैयार हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसमें जनता से सुझाव लेने को कहा था, वह भी लिए गए, पर विधेयक को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इस कारण प्रदेश में आमजन को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित करने का बड़ा प्रयास अटका हुआ है। जबकि सरकार लगातार प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के प्रयास में जुटी है। मुख्यमंत्री ने जहां रोज एक पौधारोपने की परंपरा शुरू की, वहीं अंकुर अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें जनता से पौधारोपण कराकर उसे हरियाली के प्रति जागरुक किया जा रहा है।

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