
– कांग्रेस सरकार में हाशिए वाली योजनाओं को सरकार फिर देगी गति
-पिछले बजट में आठ से दस प्रतिशत बढ़ोतरी कर चुनावी रोडमैप पर किया जाएगा फोकस
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार के बजट में इस बाद मिशन 2023 की झलक दिखाई देगी। इसके लिए सरकार ने इस बार के बजट में अपनी कई फ्लैगशिप योजनाओं के विस्तार पर जोर देने की तैयारी की है। इनमें कई योजनाएं वे हैं, जिन्हें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने शासन काल में हाशिए पर डाल दिया था। सरकार इन योजनाओं को फिर से गति देगी।
गौरतलब है कि मप्र विधानसभा का सत्र 7 मार्च से शुरू होगा। नौ मार्च को विधानसभा में पेश किए जाने वाले प्रदेश सरकार के बजट में भाजपा की कई फ्लैगशिप योजनाओं की झलक दिखाई देगी। कोरोना संकट के कारण जहां मेधावी छात्र, तीर्थ दर्शन, कन्यादान और स्वरोजगार जैसी योजनाओं के लिए बजट का संकट था, प्रस्तावित बजट में इन योजनाओं को सरकार फिर गति देगी। पिछले बजट में आठ से दस प्रतिशत ग्रोथ (तरक्की) करते हुए वर्ष 2023 के चुनावी रोडमैप पर फोकस किया गया है। कांग्रेस सरकार के समय जिस मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन, तीर्थदर्शन, संबल, कन्यादान और स्वरोजगार योजना को हाशिए पर डाल दिया था, आने वाले साल में ये योजनाएं फिर लोकप्रिय होंगी।
योजना के लिए अलग से प्रविधान
दो करोड़ से ज्यादा हितग्राहियों वाली मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना का नया स्वरूप भी आने वाले बजट में दिखेगा। इसे अधिक प्रभावी बनाने के साथ अन्य सुविधाओं को इसमें शामिल किया जाएगा। इसमें अधिकतम पांच दिन में हितग्राही को योजना का लाभ दिलाना होगा। बजट में भी योजना के लिए अलग से प्रविधान किया जाएगा। योजना में सौ रुपये में सौ यूनिट बिजली, आयुष्मान भारत योजना, प्रसव पूर्व और उपरांत सहायता मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के माध्यम से रियायती दर पर राशन, श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा प्रोत्साहन सहायता सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है।
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य
सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2022 में राज्य सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसे देखते हुए खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन और स्वरोजगार के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के जतन होंगे। कृषक उत्पादक संगठन और कस्टम हायरिंग सेंटर के विस्तार का भी रोडमैप सरकार ने तैयार कर लिया है। किसानों को स्वरोजगार की स्थापना के लिए ऋण भी दिलाया जाएगा। मौजूदा साल में सरकार कृषि बजट को बढ़ाकर 33 हजार करोड़ रुपये तक कर सकती है। इसमें कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, जल संसाधन सहित अन्य विभागों की राशि शामिल रहेगी। कृषि के साथ- साथ जेंडर बजट भी आएगा। महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं में किए जाने वाले प्रविधान शामिल होंगे। प्रस्तावित बजट में सरकार इस साल ‘चाइल्ड बजट’ को भी अलग से पेश करने की तैयारी कर रही है। इसमें बच्चों के लिए अलग-अलग विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का अलग से ब्योरा दिया जाएगा।