
- मंत्री के फरमान से वन महकमे में मचा हड़कंप
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। वन विभाग के अफसरों को अब सप्ताह में 3 दिन जंगल में रात गुजारनी होगी। यह फरमान वन मंत्री विजय शाह ने जारी किया है। मंत्री के फरमान से वन महकमे के अफसरों में हड़कंप मची हुई है। दरअसल वन मंत्री के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही हैं कि अफसर फील्ड में नहीं जा रहे हैं। इस कारण वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियां चल रही हैं। इसलिए वन मंत्री ने सख्त रुख दिखाया है। पिछले दिनों वन मंत्री विजय शाह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह फरमान जारी किया है। इसके पहले भी वन मंत्री विजय शाह विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर चुके हैं कि सप्ताह में 3 दिन जंगलों में जाएं और रात्रि विश्राम करें। वन मंत्री के निर्देश का फील्ड में असर नहीं दिखाई दिया। इस कारण ही अवैध उत्खनन, अवैध कटाई और
अतिक्रमण तेजी से बढ़ने लगे हैं।
मंत्री खुद करेंगे टूर डायरी की समीक्षा
वन मंत्री शाह ने अफसरों से कहा है कि वह अपने दौरे की डायरी ऑनलाइन अपलोड करें। शाह खुद हर महीने 2 डीएफओ, 5 एसडीओ और 10 रेंजरों की टूर डायरी की समीक्षा करेंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार मुख्य वन संरक्षक से लेकर रेंजर तक टूर डायरी समय पर अपलोड नहीं कर रहे हैं। पूरे डायरी अपलोड करने का अंतिम तिथि 10 तारीख तय की गई है। इसके बाद भी 2 दर्जन से अधिक (सीसीएफ से डीएफओ ) आईएफएस अफसर अपनी दो डायरी समय पर प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। इसे लेकर वन बन प्रमुख आरके गुप्ता ने कई अफसरों को नोटिस भी जारी किया है।
लैपटॉप और मोबाइल पर ही जंगलों की निगरानी
वन मंत्री साहब को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि मुख्य वन संरक्षक, डीएफओ, एसडीओ और रेंजर लैपटॉप और मोबाइल पर ही जंगलों की निगरानी कर रहे हैं। उनके इसी कार्यशैली के कारण ही अवैध उत्खनन, अवैध कटाई और अतिक्रमण तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसके अलावा कई अधिकारी डायरी लिखने में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। विभाग द्वारा ऐसे अधिकारियों पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जबकि टूर डायरी लिखने में गड़बड़ी करने वालों की जांच रिपोर्ट भी प्रशासन-एक में लंबित है। इन्हीं शिकायतों के आधार पर ही वन मंत्री विजय शाह प्रशासनिक कसावट लाने के लिए अफसरों की टूर डायरी की समीक्षा करने की घोषणा भी की है।
मंत्री के निर्देश का विरोध
वन विभाग में मंत्री विजय शाह के फरमान का विरोध शुरू हो गया है। कई आईएफएस अफसरों का तर्क है कि फॉरेस्ट मैनुअल में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि मंत्री जी अफसरों की टूर डायरी की समीक्षा करेंगे। आला अफसरों का तर्क है कि विभाग में टूर डायरी की समीक्षा करने की परंपरा बनी हुई है। समीक्षा करने के लिए बना हुआ है। इसके आधार पर एसडीओ और डीएफओ की टूर डायरी की समीक्षा सीसीएफ करते हैं। जबकि रेंजर और उसके नीचे के कर्मचारियों समीक्षा डीएफओ स्तर करते हैं। वनबल प्रमुख आरके गुप्ता का कहना है कि मंत्री जी विभाग के मुखिया हैं। चाहे तो किसी भी अधिकारी की टूर डायरी की समीक्षा कर सकते हैं। मंत्री की इच्छा साफ है कि अधिकारी हो या फिर कर्मचारी फील्ड में अधिक से अधिक जाएं।
