
- राज्य सरकार द्वारा शादी-ब्याह कराने के नियमों को बेहद कड़ा बना दिया गया है
भोपाल/राकेश व्यास/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सरकार द्वारा मप्र नगरपालिका विवाह स्थल का पंजीयन एवं उपभोग आदर्श उपविधि-2020 लागू किए जाने से अब नगरीय निकायों के सार्वजनिक स्थानों, गृह निर्माण समितियों पार्कों आदि में शादी-ब्याह का आयोजन करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। नए नियमों के लागू होने के बाद अब केवल शादी-ब्याह निकायों द्वारा तय किए गए स्थानों पर ही हो सकेंगे। अब तक नगरीय निकाय क्षेत्रों में पार्कों सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों का उपयोग शादी-ब्याह के लिए किया जाता रहता था। अब यह सुविधा लोगों से छीन ली गई है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा नियमों को बेहद कड़ा कर दिया है।
लेनी होगी निकायों से अनुमति
नए नियमों में किए गए प्रावधान के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति या संस्था नगरीय निकायों की अनुमति के बगैर किसी स्थल का उपयोग शादी के लिए करना चाहता है, तो उसे तीन माह के अंदर निकायों से विधिवत अनुमति लेना होगी। यदि अनुमति नहीं ली जाती तो फिर निकायों द्वारा ऐसे स्थलों को अवैध घोषित कर उन्हें हटाने की कार्रवाई करने के अधिकार के साथ ही संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी अधिकार प्रदान कर दिया गया है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति या संस्था के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी। किए गए प्रावधानों के मुताबिक अब शादी – ब्याह के लिए चयनित भवनों, हॉल आदि का कचरे के निपटान की जिम्मेदारी संचालक की होगी। इसके साथ ही विवाह स्थल की अनुमति तभी मिल सकेगी जब उसमें प्रवेश और निकलने के रास्ते अलग-अलग होंगे। यह रास्ते भी कम से कम 12 मीटर चौड़ा होना चाहिए।
पार्किंग का स्थान 25 फीसदी जरूरी
नए नियमों में विवाह स्थल के कुल स्थान का 25 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित रखना जरुरी कर दिया गया है। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि विवाह स्थल अस्पताल, शिक्षण संस्था से दूर होना चाहिए साथ अनुमति से पहले यह भी देखा जाएगा कि ऐसे स्थलों से इन संस्थाओं को किसी तरह से बाधा नहीं पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा अब रात्रि 10 बजे से सुबह आठ बजे तक के लिए इन स्थानों पर लाउड स्पीकर आदि का उपयोग भी नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही अब विवाह स्थल के क्षेत्रों के हिसाब से पंजीयन के लिए अलग – अलग शुल्क का भी निर्धारण कर दिया गया है।
यह भी किया सुरक्षा के लिए जरूरी
नए नियमों के प्रावधानों में विवाह स्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने होंगे। यह जिम्मेदारी संचालक की होगी कि वह सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करे। ऐसे स्थलों पर अग्निशमन यंत्रों को भी पर्याप्त सख्ंया में रखना होगा, जिससे कि आगजनी की घटना को रोका जा सके। इसके अलावा अब विवाह के लिए भवन या हॉल आदि बनाने पर नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का पालन करना जरूरी होगा। इसके तहत यहां दिव्यांगों के चलने के लिए रैंप का निर्माण करना होगा। सीढ़ी के अलावा लिफ्ट्स का भी इंतजाम करना होगा।