बिजली बिल माफी घोषणा का आर्थिक बोझ अब भी अधर में

बिजली बिल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के एक करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने के लिए सरकार समाधान योजना लेकर आई है। तीन माह या उससे अधिक समय के बकाया बिल चुकाने के लिए बकायादारों का सौ प्रतिशत तक सरचार्ज माफ किया जाएगा। मूल बिल चुकाने पर 3,235 करोड़ रुपये का सरचार्ज माफ होगा। समय से योजना में शामिल होने पर 100 प्रतिशत तक सरचार्ज माफ हो सकता है। लेकिन वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले की गई बिजली बिल माफी घोषणा का आर्थिक बोझ अब भी अधर में है। उस दौरान सस्पेंड बिलों की कुल राशि करीब 4,700 करोड़ रुपए अब तक न तो माफ की गई है और न ही डिस्कॉम कंपनियों को इसका समायोजन दिया गया है। बिजली बिल माफी घोषणा का आर्थिक बोझ अब भी अधर में है।
गौरतलब है कि चुनावी वर्षों में बिजली बिल माफ किए जाते रहे हैं। 2013 विधानसभा चुनाव से पहले बीपीएल उपभोक्ताओं के बकाया बिजली बिल माफ किए गए। 2018 के चुनाव से पहले सरकार ने मुख्यमंत्री बकाया बिल माफी योजना और सरल बिजली योजना चलाई, जिसमें बीपीएल उपभोक्ताओं और संबल योजना श्रमिक कार्डधारकों के बिल माफ हुए। 2022 में पेश केग रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना से डिस्कॉम को करीब 3,700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। 2023 चुनाव से पहले एक किलोवाट श्रेणी तक के सभी उपभोक्ताओं के सितंबर 2023 के बिल निलंबित कर दिए गए। लेकिन सितंबर 2023 में मध्यप्रदेश सरकार ने 88 लाख उपभोक्ताओं के बिजली बिल सस्पेंड कर दिए थे, लेकिन इन सस्पेंड बिलों की कुल राशि करीब 4,700 करोड़ रुपए अब तक न तो माफ की गई है और न ही डिस्कॉम कंपनियों को इसका समायोजन दिया गया है। सरकार और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के बीच इस राशि को कौन वहन करेगा, इस पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। इस बीच, सरकार ने हाल ही में तीनों डिस्कॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे उन उपभोक्ताओं का डेटा विश्लेषण करें जिनके बिल उस दौरान सस्पेंड हुए थे। यह पता लगाया जा रहा है कि जिन उपभोक्ताओं ने सितंबर 2023 का बिल शून्य पाया, क्या उन्होंने उसके बाद से बिजली बिल नियमित रूप से भरा या उन्होंने भुगतान में ढील शुरू कर दी। अधिकारियों का कहना है कि डेटा विश्लेषण के बाद सरकार यह निर्णय लेने की स्थिति में होगी कि कितने उपभोक्ता नियमित भुगतानकर्ता हैं और कितनों ने बिजली बिलों का भुगतान पूरी तरह से रोक दिया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फैसला सरकार स्तर पर ही लिया जाना है। यह राशि माफ होगी, वसूली जाएगी या फिर सरकार इसे डिस्कॉम को प्रतिपूर्ति स्वरूप देगी, इस पर चर्चा लंबित है।
माफ राशि के भुगतान के स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सरकार ने सितंबर 2023 में घोषणा की थी कि बिजली उपभोक्ताओं को आने वाले महीने में बिल नहीं भरना पड़ेगा। घोषणा का तत्काल प्रभाव दिखा और लाखों उपभोक्ताओं को सितंबर महीने में बिजली बिल शून्य मिला। लेकिन सरकार ने उस समय यह स्पष्ट नहीं किया था कि इस राशि का भुगतान बजट से किया जाएगा या इसे डिस्कॉम के खातों में नुकसान के रूप में दर्ज किया जाएगा। परिणामस्वरूप, सितंबर 2023 के बिल अब तक सस्पेंड स्थिति में सरकारी रिकॉर्ड में पड़े हैं। ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम के अधिकारियों के अनुसार, इस राशि में सेंट्रल डिस्कॉम के हिस्से में लगभग 2,500 करोड़ रुपए, ईस्ट डिस्कॉम के हिस्से में करीब 1,080 करोड़ रुपए और वेस्ट डिस्कॉम के हिस्से में करीब 1,000 करोड़ रुपए का बोझ शामिल है। यह राशि उस एक महीने की बिलिंग से जुड़ी है, जिसमें उपभोक्ताओं के बिल चुनावी घोषणा के तहत शून्य कर दिए गए थे। डिस्कॉम अधिकारियों का कहना है कि आर्थिक नुकसान के साथ सबसे बड़ी चिंता उपभोक्ताओं के भुगतान व्यवहार में बदलाव की है। एक अधिकारी ने कहा, जब-जब चुनाव आते हैं, उपभोक्ता यह मानकर चलने लगते हैं कि बिजली बिल फिर से माफहो जाएंगे। इससे नियमित भुगतान की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसे वापस पटरी पर लाने में वर्षों लग जाते हैं और इतने समय में फिर अगला चुनाव आ जाता है।

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