
वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा गहरे अंतरिक्ष को खंगालने वाले भारी भरकम रॉकेट स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) का पहली बार मुख्य परीक्षण की तैयारी में है। इस रॉकेट के इस साल के आखिर तक आर्टिमीज कार्यक्रम के तहत चांद पर एक मानवरहित अंतरिक्ष यान ले जाने की योजना है। रॉकेट के इंजन के टैंकों में ईंधन के तौर पर सात लाख गैलन तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन भरा है। यह परीक्षण रविवार तड़के अमेरिका के मिसीसिपी स्थित स्टेनिस स्पेस सेंटर पर होना है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने ग्रीन रन परीक्षण अभियान के तहत एसएलएस रॉकेट को 2024 में फिर से चांद पर इंसान को भेजने का लक्ष्य तय किया है। इस रॉकेट में चार शक्तिशाली एयरोजेट रॉकेटडाइन आरएस-25 इंजन लगे हैं, जो परीक्षण के दौरान तेज आवाज के साथ शुरू होगी। यह पूरी प्रक्रिया आठ मिनट में एकसाथ होगी। इंजनों में आग लगने के साथ ही करीब 16 लाख पाउंड का दबाव पैदा होगा, जो रॉकेट को तेजी से अंतरिक्ष की ओर लेकर जाएगा। एयरोजेट रॉकेटडाइन के अंतरिक्ष विभाग के वाइस प्रेसीडेंट जिम मेसर ने कहा, यह पहली बार होगा कि आरएस-25 रॉकेट एक साथ आग उगलेंगे।