
- संगठन में बदलाव के लिए केंद्रीय नेतृत्व से कमलनाथ को मिला ‘फ्री हैंड’
भोपाल/अनिरुद्ध सोनोने/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश कांग्रेस में चल रही तमाम अटकलों कयासों और चर्चाओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ एक बार फिर उपचुनावों में मिली कांग्रेस की हार के बाद भी शक्तिशाली बनकर उभरे है। 13 नवम्बर को कमलनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी इसके बाद टीम कमलनाथ की मानें तो कमलनाथ को सभी प्रकार के निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है और आगे उन्हीं के नेतृत्व में नगर निगम और पंचायतों में कांग्रेस पार्टी मैदान में जाएगी। कमलनाथ के दिल्ली से वापस लौटते ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सर्जरी शुरू होने की जो बातें की जा रही थी उसपर अभी तक कोई फैसला नहीं होने से टीम कमलनाथ के दावे में दम नजर आ रहा है। नाथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी भंग करके आने वाले चुनावों के लिए समन्वय समिति बना सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान का मानना है कि कमलनाथ के प्रदेश में कमान संभालने के बाद जमीनी स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ता सक्रिय हुए और मप्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी थी। ऐसे में पार्टी उनपर एकबार फिर भरोसा कर रही है।
विपक्ष का बॉस भी तय करेंगे नाथ…
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास ही रहना तय है । इस वक्त नाथ के पास प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद है , इनमें से नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने की घोषणा नाथ एक दो दिनों बाद कर सकते हैं। इसके साथ ही अगला नेता प्रतिपक्ष कौन होगा यह भी वे ही तय करेंगे । नेता प्रतिपक्ष की रेस में अब दो ही नाम बचे है, आठ बार के विधायक और पूर्वमंत्री रहे डॉ. गोविन्द सिंह और पूर्व मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ। नाथ अपनी टीम से चर्चा कर जल्द ही नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर देंगे। उपचुनावों की हार के बाद जिन छोटे बड़े नेताओं ने नाथ के कामकाज पर सवाल उठाये थे उन्हें पार्टी की अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस जारी करके उनके पदों से हटा दिया है अब विरोध करने वाले नेता अपनी वापसी के लिए माफी तक मांगने को तैयार हैं।
कमेटी की जगह बनेगी समन्वय समिति !
प्रदेश में कांग्रेस की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश कांग्रेस की जंबो कार्यकारिणी को भंग कर उसकी जगह एक समन्वय समिति का गठन किया जा सकता है। इस समिति में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाते हुए नियुक्तियां की जाएंगी। क्योंकि आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी का पहला लक्ष्य स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों को जीतना है। सूत्रों की माने तो प्रदेश में पंचायत चुनाव अगले माह दिसंबर में करवाए जाना तय है। समन्वय समिति बनाने से काम करने वाले और ऊजार्वान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज फिर कांग्रेस को जमीनी स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हो जाएगी।
टल सकता है युवक कांग्रेस का चुनाव
भारतीय युवा कांग्रेस संगठनात्मक चुनाव प्राधिकरण ने मध्यप्रदेश में संगठन के आंतरिक चुनाव की रुकी हुई प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। युवक कांग्रेस चुनाव हेतु प्राधिकरण ने अभ्यर्थियों के नामांकन तथा उनके दावे-आपत्ति के साथ ही पात्र नेताओं को चुनाव चिन्ह आवंटन की तिथियां भी घोषित कर दी हैं। युवक कांग्रेस की आॅनलाइन सदस्यता भर्ती 27 फरवरी से शुरू हो गयी थी जिसके बाद, मतदाता सूची की छानबीन, नामांकन , छानबीन/दावा-आपत्ति के बाद चुनाव चिन्ह का आवंटन 28 नवम्बर को होना है। इसके बाद मतदान की तारीख की घोषणा होनी थी। लेकिन सूत्रों की माने तो प्रदेश में युवक कांग्रेस चुनाव टाले जा सकते है, इसका कारण आने वाले दिनों में पार्टी का फोकस नगर निकायों और पंचायतों के चुनावों पर होना है। पिछले आठ वर्षों से कुणाल चौधरी मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं जो अब कालापीपल से विधायक बन गए हैं। अगर युकां चुनाव होते हैं तो आगर के कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े का दावा सबसे मजूबत रहना तय है और वे ही ऐसे युवा नेता हैं जो कुणाल की सही जगह ले सकते हैं।
हनुमान भक्त कमलनाथ हैं जुझारू लीडर
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत के बाद नाथ सरकार बनाने की कोशिश में जुटे थे , उस वक्त भोपाल में अपने बंगले पर हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उन्होंने कांग्रेस विधायकों को अपने भाषण से हैरान कर दिया था। 11 मार्च को कमलनाथ का कहना था कि हम निराश नहीं है, हमने 1977 का वो दौर भी देखा है, जिस समय इंदिरा गांधीजी भी चुनाव हार गई थीं। वह कांग्रेस पर संकट का दौर था। लगता था कांग्रेस दोबारा वापस खड़ी नहीं हो पाएगी लेकिन कांग्रेस और मजबूती के साथ दोबारा खड़ी हुई और उसने कई वर्षों तक राज भी किया। हमने वो दौर भी देखा जब संजय गांधी को जेल में डाल दिया गया। लेकिन हम और हमारे साथी पार्टी के साथ पूरी निष्ठा के साथ खड़े रहे , यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए।