नगीन बारकिया

लगातार की निराशाजनक खबरों के बीच कारोबारी जगत से जब कुछ सकारात्मक संकेत नजर आए हैं तो इससे निश्चित रूप से राहत मिलेगी। यही कारण है कि जैसे ही अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत मिले बाजार में भी रौनक लौटने लगी है। दरअसल, कोरोना संकट की वजह से सबसे ज्यादा भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन अक्टूबर महीने के पहले दिन ही एक के बाद एक इकोनॉमी से जुड़ीं राहत देने वाली चार खबरें आई हैं। इसमें विशेषकर मैन्यूफैक्चरिंग, जीएसटी संग्रह तथा ऑटो सेक्टर में काफी सुधार दिखाई दिया है। ऐसे ही बिजली की खपत में बढ़ोतरी से भी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलते हैं। सितंबर महीने में बिजली की खपत में खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बिजली की खपत में बढ़ोतरी होने का मतलब यह है कि कोरोना महामारी के बीच अब औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी लौट आई हैं। इसी तरह जीएसटी के माध्यम से सरकार का खजाना फिर से भरने लगा है। वित्त मंत्रालय की एक जानकाराी के अनुसार सितंबर में जीएसटी कलेक्शन 95480 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल सितंबर के मुकाबले 4 फीसदी अधिक है। जहां तक निर्माण या मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का मामला है विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां (पीएमआई) सही दिशा में जाती दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि ये गतिविधियां पिछले आठ वर्षों में आश्चर्यजनक रूप से उच्च स्तर पर दिखाई दे रही हैं। जनवरी, 2012 के बाद यह पीएमआई का सबसे ऊंचा स्तर है। इसी तरह रोजगार के मोर्चे पर भी सितंबर में थोड़ी स्थिति सुधरी है। सितंबर के आखिरी हफ्ते तक राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर घटकर 6.7 फीसदी पर आ गई है, अगस्त महीने में 8.3 फीसदी दर्ज की गई थी, जबकि जुलाई में बेरोजगारी दर 7.4 फीसदी थी। इस लिहाज से सितंबर महीने के अंत में बेरोजगारी दर के 6.7 फीसदी पर आने को अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। यह आंकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट के आधार पर हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ में क्या बोली स्मृति ईरानी
संयुक्त राष्ट्र महासभा में महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन में इस बार भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपने विकास के एजेंडे के सभी पहलुओं में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण पर बल दे रहा है। उन्होंने महासभा में कहा कि हम महिलाओं के विकास के साथ साथ महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रतिमान को लेकर आगे बढ़े हैं। गुरुवार को ऑनलाइन माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और उनकी देखभाल सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। इसके तहत केंद्रों में एक छत के नीचे महिलाओं को चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक, कानूनी, पुलिस और आश्रय जैसी सहूलियतें मुहैया कराई जा रही हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आतंकवाद और युद्ध ने लाखों जिंदगियां छीन ली हैं।
बिहार में कयासों का सिलसिला जारी
बिहार विधानसभा चुनाव में नामांकन का दौर शुरू हो चुका है लेकिन अभी भी दोनों गठबंधनों की स्थितियां स्पष्ट नहीं हुई हैं और दोनों ओर से कयास का ही सिलसिला चल रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए में ऑल इज वेल है। सभी घटक दल मिलकर चुनाव लडेंगे. कहीं कोई समस्या नहीं है। सब तय हो गया है। इसमें किसी तरह की आपसी खींचतान नहीं है। अब इनसे कौन पूछे कि यदि ऐसा है तो सीटों का गणित क्यों नहीं बताया जा रहा है। यही हाल महागठबंधन के भी हैं। देखते हैं आगे होता है क्या?
16 अक्टूबर से बनने लगेगा अगला बजट
चाहे देश का बजट फरवरी-मार्च में आता हो लेकिन उसके तैयार होने की प्रक्रिया तो महीनों पहले शुरू हो जाती है। इस बार वित्त मंत्रालय 2021-22 के लिए बजट बनाने की प्रक्रिया 16 अक्टूबर से शुरू करेगा। गुरुवार को जारी अधिसूचना में यह कहा गया है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह तीसरा बजट होगा। बजट में कोविड-19 संकट के कारण आर्थिक वृद्धि में गिरावट और राजस्व संग्रह में कमी जैसे मसलों से निपटने के उपाय करने होंगे। आर्थिक मामलों के विभाग के बजट पूर्व अनुमान को लेकर बैठकें 16 अक्टूबर, 2020 से शुरू हो जाएंगी।